Saturday, August 28, 2010

Don't give me worldly opulence or salvation, even vaikuntha, but please teach me how to Love You!

भुक्ति ना दे मुक्ति ना दे, वैकुण्ठ ना दे, मोको तो तू मनगढ वास दिला दे । (1)
भुक्ति ना दे मुक्ति ना दे, वैकुण्ठ ना दे, अविरल प्रीति की रीति सिखा दे । (2)
भुक्ति ना दे मुक्ति ना दे, वैकुण्ठ ना दे, तेरे विनु इक पल कलप बना दे । (3)
भुक्ति ना दे मुक्ति ना दे, वैकुण्ठ ना दे मेरा नाम ले के इक बार बुला दे । (4)
भुक्ति ना दे मुक्ति ना दे, वैकुण्ठ ना दे, आते जाते मोही लखि टुक मुस्कुरा दे । (5)
भुक्ति ना दे मुक्ति ना दे, वैकुण्ठ ना दे, तोसो नहि बोलूँ यह बोल सुना दे । (6)
भुक्ति ना दे मुक्ति ना दे, वैकुण्ठ ना दे, मुख ना दिखाए जो तो चरण दिखा दे । (7)
भुक्ति ना दे मुक्ति ना दे, वैकुण्ठ ना दे, सपने मे हि इक बार झलक दिखा दे ॥ (8)


Don't give me worldly opulence or salvation, even vaikuntha (the Divine abode of Lord Vishnu) but please:
give me place in Mangarh (Shree Maharajji's birth place) (1)
teach me how to love You (2)
make even a second without You as ages (3)
call me once by taking my name (4)
give me a glance and smile while passing by (5)
speak to me once (6)
give darshan of you Lotus Feet if You don't want to give darshan of Your lovely face (7)
if not in real please give me darshan in my dreams at least (8)

Fresh lines by Shree Maharajji (August 14th, 2010-Mangarh)



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